मलेरिया से बचने के लिए घरेलू नुख्से :-
मलेरिया से बचने के लिए कुछ घरेलु उपचार कारगर हो सकते है| किसी भी घरेलु इलाज का सबसे बडा फायदा इसका हानिरहित प्रभाव रहता है|अब बहुत से डॉक्टर भी मलेरिया के बिमारी के लिए एंटिबायोटिक के अलावा प्राकृतिक उपचार लेने की सलाह दे रहे है|लेकीन, तमाम चिकित्सीय प्रगति के बावजूद भी हम मलेरिया जैसी बिमारीयों को जड से खत्म करने में असफल हुए है| एैमे में मलेरिया का इलाज कुछ घरेलु नुख्सों से किया जा सकता है| मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफिलेज मच्छर है, इसके काटने से मच्छर के परजीवी लाल रक्त काशिआओ मे प्रवेश करते है| इसमे एनिमीया के लक्षन उभरने लगते है| इसके लक्षन मे चक्कर आना, सांस फूलना इत्यादी शामिल है| मलेरिया में बुखार होने पर रोगी को बहोत ठंड लगती है| इस बुखार मे रोगी के शरिर का तापमान 101 से 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक बना रहता है|साथ में मलेरिया रोगी का लीवर बढ जाता है|
मलेरिया जैसे खतरनाक बिमारीयों से बचने के लिए मैने आपके लिए कुछ घरेलु नुख्से लाया हॅूुं|
1.नीम -
नीम का पेड़ मलेरिया-रोधी के रूप में प्रसिद्ध है।यह वायरस रोधी पेड़ है। मलेरिया मुख्यत: मच्छरों के काटने से होता है। सर्दी, कंपकपाहट, तेज बुखार,बेहोशी, बुखार उतरने पर पसीना छूटना,
इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस रोग में नीम के तने की छाल का काढ़ा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है।
इससे बुखार में आराम मिलता है। थोड़े से नीम के हरे पत्ते और चार काली मिर्च एक साथ पीस लें।फिर इसे थोड़े से पानी में मिलाकर उबाल लें। इस पानी को छानकर पीने से लाभ होता है।इसके अलावा नीम तेल में नारियल या सरसों का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से भी मच्छरों के कारण उत्पन्न मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
2. तुलसी -
भारतीय संस्कृति में तुलसी को विशेष स्थान दिया जाता है। इसे पूजनीय भी माना जाता है। कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग किया जाता है। यदि आपके आंगन में या आसपास पेड़-पौधे लगाने की जगह है तो तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में
पीसकर सुबह और शाम लेने से बुखार ठीक हो जाता है। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं। अनेक गुणों के
साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है।
3. अमरुद -
साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है।अमरुद का सेवन मलेरिया में लाभप्रद होता है। यदि किसी को मलेरिया हो जाए तो उसे रोज दिन में तीन बार उसे अमरूद अवश्य खिलाएं। बहुत प्रभावी रहेगा। अमरूद के मुकाबले इसके छिलके में विटामिन ‘सी’ बहुत अधिक होता है। इसलिए अमरूद को छिलका हटाकर कभी न खाएं।
4.अदरक -
अदरक का सेवन भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ मलेरिया के इलाज के लिए भी काफी लाभदायक होता है। थोड़ी सी अदरक लेकर उसमें 2-3 चम्मच किशमिश डालकर पानी के साथ उबालें। जब तक पानी आधा नहीं रह जाता इसे उबालते रहें। थोड़ा ठंडा होने पर इसे दिन में दो बार लें। इससे मलेरिया का बुखार कम करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, मलेरिया होने पर हरसिंगार के पत्ते का सेवन अदरक के रस के साथ शक्कर मिलाकर किया जाये तो मलेरिया में लाभ होता है।
5.गिलोय -
गिलोय ऐसी आयुर्वेदिक बेल है, जिसमें सभी प्रकार के बुखार विशेषकर मलेरिया रोगों से लड़ने के गुण होते हैं। गिलोय के काढ़े या रस में शहद मिलाकर 40 से 70 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित सेवन करने से मलेरिया में लाभ होता है। इस प्रकार के बुखार के लिए लगभग 40 ग्राम गिलोय को कुचलकर मिट्टी के बर्तन में पानी मिलाकर रात भर ढक कर रख दें। सुबह इसे मसल कर छानकर रोगी को अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीनेसे बुखार दूर हो जाता है।
मलेरिया के इलाज के लिए ताजा फल और ताजा फलों का जूस देना बहुत फायदेमंद रहता है। साथ ही तरल पदार्थों को कुछ-कुछ समय के अंतराल में लेते रहना चाहिए। खासकर नींबू पानी। इसके अलावा, इसके इलाज में हल्का व्यायाम और टहलना भी अच्छा रहता है। लेकिन, याद रखें ये सब कुदरती उपाय चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं हैं। आपको चाहिये कि जरूरी दवाओं का सेवन अवश्य करते रहें।
मलेरिया के इलाज के लिए ताजा फल और ताजा फलों का जूस देना बहुत फायदेमंद रहता है। साथ ही तरल पदार्थों को कुछ-कुछ समय के अंतराल में लेते रहना चाहिए। खासकर नींबू पानी। इसके अलावा, इसके इलाज में हल्का व्यायाम और टहलना भी अच्छा रहता है। लेकिन, याद रखें ये सब कुदरती उपाय चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं हैं। आपको चाहिये कि जरूरी दवाओं का सेवन अवश्य करते रहें।
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