निम के फायदे

नीम के फायदे
                           

नीम आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण भाग है। नीम का उपयोग अनेक रोगों व समस्याओं के निदान में किया जाता है। नीम का पेड़ अनेक गुणों से परिपूर्ण होता है।

                       इस लेख में हम नीम के फायदे, नुकसान पर चर्चा करेंगे।

नीम के पेड़ के सभी भागों का अपना एक अलग महत्व होता है। नीम के फल और बीजों से तेल निकाला जाता है।इस तेल का उपयोग त्वचा से संबंधित बीमारियों व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है।नीम के पत्ते एक्ज़िमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। इसी प्रकार नीम की छाल का उपयोग अनेक चुरणों में किया जाता है।भारत में नीम का उपयोग चार हज़ार वर्षों से अधिक होता आ रहा है। वेदों में नीम को “सर्वरोग निवारिणी” भी कहा जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि नीम हमारे शरीर की सभी प्रकार के रोगों से रक्षा करता है।

नीम के कुछ फायदे निचे दिए गये है:-

1. अस्थमा के उपचार में 


नीम का तेल अस्थमा के उपचार में चमत्कारिक रूप से सहायता प्रदान करता है।यदि आप को कफ, बुखार और खाँसी की समस्या हो रही है तो नीम के तेल की कुछ बूंदों का प्रतिदिन सेवन करने से इन सबसे राहत मिलती है।एक बात का आवश्यक रूप से ख्याल रखना चाहिए कि नीम के तेल की बूंदें अधिक मात्रा में नहीं लेनी चाहिए बल्कि धीरे धीरे करके उनकी मात्रा को बढ़ाना चाहिए।

 

2. आँखों की समस्याओं से छुटकारा

 

नीम आँखों में होने वाली अनेक प्रकार की समस्याओं से राहत प्रदान करता है।यद्यपि शोध में इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि नीम का आँखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है अथवा नहीं, किन्तु नीम की पत्तियाँ आँखों में होने वाली जलन और अन्य समस्याओं से राहत प्रदान करती हैं।पानी में नीम की कुछ पंक्तियाँ उबाल लें और इसे ठंडा कर लें। अब इस पानी से आँखों को अच्छे से धोयें।ऐसा करने से आँखों में होने वाली जलन और लालिमा से राहत मिलती है।

 

3. रक्त का शुद्धिकरण करना

 

नीम में मौजूद तत्व रक्त को शुद्ध करने का भी कार्य करते हैं।नीम का तेल रक्त में पाए जाने वाले शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। यह रक्त में अनावश्यक रूप से पाए जाने वाले शुगर के कणों को ख़त्म कर देता है और इस प्रकार रक्त को शुद्ध करता है।एक गिलास पानी में दो से तीन नीम की पत्तियाँ और कुछ मात्रा में शहद मिलाएँ। इस मिश्रण का सेवन प्रतिदिन सुबह ख़ाली पेट करें। इससे हार्मोन स्तर की गड़बड़ी में सुधार आता है।

 

4. मुँह व दाँतों के लिए

 

नीम के अर्क से बना हुआ माउथवाश ‘स्ट्रेप्टकॉकस म्यूटंट्स’ के विकास को रोकता है। ये एक प्रकार के जीवाणु होते हैं जो कि मुँह और दाँतों में समस्या उत्पन्न करते हैं।नीम के तेल का उपयोग टूथपेस्ट में भी किया जाता है क्योंकि यह बैक्टीरीया व अन्य हानिकारक कीटाणुओं के विरुद्ध लड़ने में सक्षम होता है।नीम की छाल को चबाने से मुँह की बदबू से राहत मिलती है।इसके अतिरिक्त नीम की छाल दाँतों में होने वाले दर्द और उनमें लगने वाले कीड़ों की समस्या से भी छुटकारा देती है।

 

5. जोड़ों के दर्द के उपचार में

 

नीम की पत्तियां और फूल जोड़ों के दर्द में लाभ पहुँचाते हैं। नीम में इंफ़्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो दर्द को दबाने में सहायक होते हैं।एक गिलास पानी में नीम के पत्ते एवं फूलों को उबाल लें। इसे छानकर ठंडा कर लें। इस जल का महीने में 2 बार सेवन करें। यह गठिया में राहत प्रदान करता है।नीम के तेल से मालिश करने पर जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त नीम का तेल मांसपेशियों को भी सुदृढ़ करता है।

 

6. मलेरिया के उपचार में

 

नीम की पत्तियाँ एंटीवायरल गुण को प्रदर्शित करती हैं।यह मलेरिया के विषाणु से लड़ने में सक्षम होती हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि नीम का अर्क मलेरिया के विषाणु ‘प्लाज़मोडियम वाईवैक्स’ से लड़ने में सक्षम होता है। इस प्रकार यह मलेरिया की रोकथाम करता है।इसके अतिरिक्त नीम की चाय का प्रयोग मलेरिया के उपचार में सदियों से होता रहा है जो वास्तव में कारगार होता है।

 

7. त्वचा संक्रमण से राहत

 

नीम ना केवल त्वचा से दाग धब्बे या मुहासों को ही ये खत्म करता है बल्कि यह त्वचा में हो रहे किसी प्रकार के संक्रमण से भी राहत देता है।पानी में नीम का तेल डालें और दोनों को आपस में मिला लें। इस मिश्रण की सौ मिलीग्राम की मात्रा अपने नहाने वाले पानी में डालें और इससे नहायें। यह ऐलर्जी व संक्रमण से छुटकारा दिलाता है।

 

8. ब्लैकहेडस से छुटकारा

 

दाग रहित व निखरी त्वचा हर किसी को अच्छी लगती है किन्तु धूप व धूल के कारण त्वचा पर ब्लैकहेड्स हो जाते हैं। ऐसे में नीम का तेल आपकी सहायता कर सकता है।पानी में नीम के तेल की 2 से 3 बूंदें डालें व इसे ब्लैकहेड्स में लगाएं। यह त्वचा को दाग रहित बनाता है।

 

9. आँखों के नीचे काले घेरों से राहत

 

नींद की कमी, कार्य की अधिकता व अत्यधिक थकान से आँखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं।नीम इस समस्या से पूर्णत: छुटकारा दिलाने का आश्वासन देता है।पानी में नीम के पाउडर को मिलाएँ। इसे आँखों के नीचे पड़ रहे काले घेरों पर लगाएं। इसे दस मिनट तक छोड़ने के बाद सामान्य पानी से धो लें। यह काफ़ी असरदायक दवा है।

 

10. कुष्ठ रोग के उपचार में

 

नीम को कुष्ठ रोग के उपचार में प्रयोग किया जाता है।मिस्र में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि नीम का प्रयोग कुष्ठ रोग में लाभ पहुँचाता है। अध्ययन के द्वारा यह भी पता चला कि नीम मैटेजेनिक होता है जो डीएनए में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं करता है।यद्यपि नीम का बीज लाभकारी होता है किन्तु इसका सेवन करने से पूर्व डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।नीम के बीज का अधिक सेवन जहरीले प्रभाव को दर्शाता है अतः इसका सीधा सेवन नहीं करना चाहिए।

 

निम से होने वाले कुछ नुकसान निचे दिये गए है:-

 

नीम के नुकसान


  1. ऑटो-इम्यून रोगों का कारण

 

यदि आपको कोई ऑटो-इम्यून रोग है तो आपको नीम के प्रयोग से बचना चाहिए।नीम प्रतिरक्षा प्रणाली को अत्यधिक सक्रिय कर देता है और कई ऑटो-इम्यून रोग जैसे स्केलेरोसिस का कारण बनता है।हमें ऐसी स्थिति में नीम के प्रयोग से बचना चाहिए व डॉक्टर की सलाह को तरजीह देना चाहिए।

2.गर्भवति महिला को हानि

 

नीम से गर्भपात होने का ख़तरा होता है अतः गर्भवती महिलाओं को नीम के सेवन से बचना चाहिए।यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी हानि पहुँचाता है अतः उन्हें भी नीम से दूर रहना चाहिए।

 

3. शिशुओं के लिए हानिकारक

 

मौखिक रूप से नीम का सेवन शिशुओं को गंभीर रूप से हानि पहुँचाता है।नीम के दुष्प्रभावों के चलते शिशुओं को उल्टी, दस्त, कोमा  वह मस्तिष्क संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।कभी कभी तो शिशुओं की मृत्यु भी हो जाती है अतः नीम के सेवन से शिशुओं को बचाना आवश्यक है।

 

4. अन्य दुष्प्रभाव

नीम पुरुषों व महिलाओं दोनों मे ही बांझपन की समस्या का कारण बन सकता है| सर्जरी, ऑपरेशन व अंग प्रत्यारोपण से पूर्व डॉक्टर नीम से कम से कम दो हफते तक दूर रहने की सलाह देते है|

 

 

 

 

 

 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

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